लेखनी कहानी - काली जुबान का अभिशाप - डरावनी कहानियाँ
काली जुबान का अभिशाप - डरावनी कहानियाँ
मित्रो आपने काली जुबान शब्द सुन रखा होगा | अक्सर कभी किसी के बोलने से कुछ अशुभ हूँ जाता है तो उस इन्सान को काली जुबान वाला इन्सान कहते है और उसे समाज में हीन भावना से देखा जाता है | दोस्तों आज का हमारा किस्सा इसी बात पर आधारित है | राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक गाँव में लता नाम की औरत रहती है | उसकी शादी तो उसके घरवालो ने बचपन में ही कर दी थी और उसके तीन बच्चे है
| उसको उसके ससुराल वाले तो बहुत प्यार से रखते थे लेकिन गाँव वाले उस पर किसी प्रेत आत्मा का साया बताते थे | गाँव वाले उससे अक्सर दूर ही रहते क्यूंकि वो जो भी बोलती वो सच हो जाता था | लता के मायके में उसके पड़ोसी बताते है कि बचपन में लता को एक कुत्ते ने काट लिया तो लता ने अचानक मुह से कुत्ते के लिए बद्दुआ निकली कि इस कुत्ते को मौत क्यों नहीं आ जाती | अगले दिन हुआ भी कुछ ऐसा और वो कुत्ता गली के बाहर मरा हुआ पड़ा था | तब से गाँव वालो में दहशत फ़ैल गयी | दुसरी घटना तो इतनी भयानक थी कि लोग लता को डायन कहने लग गए ऐसे ही एक बार बचपन में लता का एक दिन तवे से हाथ जल गया | हाथ जलने से वो जोर से चीखने , चिल्लाने और रोने लगी | उस दिन घर वाले सब खेत गए थे |
उसकी बड़ी बहन घर पर ही थी | वो दौडकर अंदर आयी और अपनी बहन का घाव देखा तो वो बोली बस इतना सा जल जाने पर क्यों इतना मुह फाडकर रो रही है लता को उसकी इस बात पर गुस्सा आया और बोली तुझको आग लगे तब पता चले कि कितना दर्द होता है फिर होना क्या था अनहोनी होने में क्या देर थी | उसी रात घर के पास पड़े चारे में आग लगने से उसकी लपटे घर पर भी आ गयी | और उन लपटों में केवल लता की बहन ही जली बाकि सब बच गए | काफी ज्यादा जल जाने की वजह से कुछ ही दिनों में उसकी मौत हो गयी | इस घटना के बाद से लोग उसे चुड़ैल कहकर पुकारने लगे | ऐसी और कई घटनाओ को लता के परिवार ने सहा | लेकिन आखिर बेटी को कैसे बाहर निकाल सकते है ये सोचकर चुप रहे | बचपन में ही दस साल की उम्र में उसकी शादी करवा दी गयी | लता का पति पेशे से ड्राईवर है और वो रोज उसे माता के मंदिर में ले जाता है ताकि काली शक्तिया उस पर हावी ना हो पाए |
लता अपनी कली जुबान के अभिशाप से अभी भी झुझ रही है और अक्सर चुप ही रहती है | पता नहीं कभी कौनसी बात मुह से निकल जाए और उसके पति और ससुराल वालो को कोई नुकसान पहुचे |